Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(2)

शाम के लगभग पांच बजे.... 


आ गए आप... सब सामान लेकर आए ना..! 

ये पकड़ो और एक बार चेक कर लो.. मैं तब तक कपड़े बदलकर आता हूँ....। सलोनी आई..! 

कहाँ आई वो अभी तक... छह बजे तक तो लड़के वाले भी आ जाएंगे...। ये लड़की भी ना कुछ सुनती ही नहीं हैं...। 

अरे तो फोन कर लेना.. पूछ कितनी देर हैं अभी...। 

आधा घंटा पहले किया था... तब बोलीं दस मिनट में आ रही हूँ...। अभी फिर से फोन करुंगी तो... मुझपर ही चढ़ जाएगी...। 


नहीं चढूंगी मम्मा.... क्योंकि मैं आ गई हूँ... । (दरवाजे से भीतर आतीं हुई सलोनी बोली...) 

क्यूँ पापा.... आज आपकी परी... लग रहीं हैं ना सच में परी...! 

वो तो तु हमेशा लगती हैं.... पर हां आज वाकई में बहुत प्यारी लग रहीं हैं..। 

थैक्ंयू पापा.... (सलोनी अपने पापा के गले लगते हुवे बोलीं) 


सलोनी :- अरे विनी.... तु वहाँ क्यूँ खड़ी हैं.. अंदर आ...। 

( विनी सलोनी की बेस्ट फ्रेंड.... दोनों बचपन से साथ ही पढ़ी थी...और एक ही कंपनी में नौकरी करतीं थीं....।लेकिन विनी दूसरी सोसाइटी में रहतीं थीं...आज खास सलोनी के जीवन के इस महत्वपूर्ण क्षण के लिए सवेरे से उसके साथ थीं....) 

सलोनी पार्लर विनी के साथ ही गई थी..। 


सलोनी :- मम्मा मैं दादी को दिखाकर आतीं हूँ...। 

रुक सलोनी.... बेटा अभी इस वक्त तु अपने कमरे में जा...। दादी से बाद में मिल लेना...। समय हो गया हैं लड़के वाले कभी भी आतें होंगे...। विनी बेटा तु चल मुझे किचन में मदद करवा...। ये सब सामान भी भीतर लेकर आ....। 


जी आंटी...। 


लेकिन मम्मा...। 

सलोनी कुछ ओर बोलतीं इससे पहले उसके पापा ने इशारा किया ओर सलोनी अपना सा मुंह लेकर अपने कमरे में चलीं गई...। 

विनी और सुजाता भी किचन में चले गए..। 
सुनील भी कपड़े बदलने अपने कमरे में चले गए...। 



कुछ देर बाद चाय का एक कप लेकर सुजाता रमादेवी के कमरे में गई और बोली :- ये लो चाय पी लो और अभी मेहमान आने वाले हैं... जब तक वो चले ना जाए मुझे कोई आवाज़ नहीं चाहिए इस कमरे से और हाँ चाय पीकर थोड़ा कमरा भी व्यवस्थित कर लेना...। मेरे पास अभी बिल्कुल भी वक्त नही हैं...। अगर उन लोगों ने बोला तो ले आऊंगी मिलाने...। ओर खबरदार जो कुछ भी उल्टी सीधी बात की उनसे तो...। 
कुछ बोलने से पहले सलोनी का सोच लेना...। चल अभी जल्दी से चाय पी ले...। 


सुजाता कप चारपाई पर रखते हुए जोर से दरवाजा बंद करके चलीं गई....। 

रमादेवी के लिए यह कोई नई बात नहीं थी...। सालों उसने इस बंद कमरे में अकेले गुजार दिए...। सिवाय सलोनी के उससे कोई मिलने तक नहीं जाता था... क्योंकि सुजाता ने पूरे अड़ोस पड़ोस और रिश्तेदारों में यह बात फैला दी थीं की रमादेवी को कोई गंभीर छुत की बिमारी हैं...। इस वजह से उसके कमरे की तरफ़ कोई नहीं जाता था...। सलोनी इस बात से बिल्कुल अंजान थीं की उसकी मम्मा दादी के साथ ऐसा बर्ताव करतीं हैं.... क्योंकि सलोनी की मौजूदगी में सुजाता रमादेवी के साथ सही तरह से चलतीं थीं...। हालांकि सलोनी घर पर कम ही वक्त रहतीं थीं... पहले पढ़ाई और फिर नौकरी...। सलोनी एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करतीं थीं... जिसकी वजह से घर पर वक्त कम ही बिताती थीं..। 


क्या सलोनी के सामने कभी सुजाता की असलियत सामने आएंगी...? 
क्या सलोनी का विवाह बिना किसी विघ्न के हो जाएगा....? 

जानते हैं अगले भाग में...। 


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16 Comments

Priyanka Rani

08-Sep-2022 10:10 PM

Very nice

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Pallavi

08-Sep-2022 09:42 PM

Great post 👌

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Chirag chirag

08-Sep-2022 09:21 PM

Very nice

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